जिंदगी चले अपनी मर्जी से

आपको किसी तरह का कष्ट होता है,
तो वह आपके अंदर शरीर या मन होकर ही जाता है।
दूर रखना सीख लेतेहैं, तो आपके कष्टों का अंत हो जाता है।


 जिंदगी चले अपनी मर्जी से


सद्गुरु


आपके मन और भावनाओं को एक बूंटी की जरूरत होती है, जिस पर वे खुद को टांग सकें। आप किसी के प्रेम में क्यों पड़ते हैं? आप किसी के ऊपर अपनी भावनाओं और मन को टांगना चाहते हैं। पहली बात यह कि आपके मन के पास एक स्थाई साथी होता है, जो मरते दम तकआपका साथ नहीं छोड़ता। आपकी भावनाओं और आपके दिमाग को एक ही फोकस की जरूरत होती है। इसके अलावा आपके पास ऐसी नौकरी या जुड़े हुए हैं लेकिन किसी प्रेम संबंध में भी हैं, तो सहज नहीं रहे पाएंगे।


अगर ये तीनों एक ही हों, तो बिल्कुल सहज और निश्चिंत होंगे। अगर आप परिवार या किसी के प्रेम में हैं, तो आपके पास औरों के शरीर और मन की परेशानियां भी हैं, अन्यथा सिर्फ एक शरीर और मन ही है। उनसे एक दूरी रख सकते हैं। अगर आप अपने आपको शरीर से थोड़ा सा दूर रखते हुए चला सकते हैं, अपने मन को खुद से थोड़ी दूर रख सकते हैं, तो सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। क्योंकि अगर आपको किसी तरह की तकलीफ होती  है, तो वह आपके भीतर शरीर या मन से गुजर कर ही होती है।


यदि आप उसे थोड़ा बहुत दूर रखना सीख लेते हैं, तो आपके दुखो का अंत हो जाता है। इसलिए सांस के साथ बने रहना बहुत ही महत्वपूर्ण है। पहली बात यह कि आपके मन के पास एक स्थाई साथी होता है, जो मरते दम तक आपका साथ नहीं छोड़ता। कोई भी आपका साथ छोड़ सकता है, आपकी सांस नहीं। दूसरी बात यह उस जगह ले जाएगा, जहां आप अपने शरीर के साथ जुड़े हुए हैं। यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है, अन्यथा आप अपनी मर्जी से अपना जीवन चला या रोक नहीं सकते। वह कई तरह की बाध्यताओं से चलता रहेगा।


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