ज्ञान-विज्ञान व धार्मिक किताबों का भंडार विश्व पुस्तक मेला 27वां  

 


टीवी, ऑडियो के बावजूद किताबों की मांग बढ़ रही है,
किताबों की खुशबू पढ़ने के बाद आनंद देती है: प्रकाश जावड़ेकर


छात्रों व वरिष्ठ नागरिकों का प्रवेश निशुल्क, 13 जनवरी तक चलेगा आयोजन


 


नई दिल्ली, जनवरी, 2018, आवाज़े हिन्द टाइम्स। किताबों के महाकुंभ 27वें विश्व पुस्तक मेला-2019 का शुभारंभ आज मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया और कहा कि किताबों में भी खुशबू होती और उसे पढ़कर आनंद आता है और इससे जीवन समृद्ध होता है। श्री जावड़ेकर ने कहा कि किताबों की दुनिया ही अलग होती है और जीवन तथा समाज में उसकी जरूरत बनी रहती है। 



टीवी, ऑडियो बुक तथा किंडल के बावजूद छपी किताबों की मांग कम नहीं हुईबल्कि रोज बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में पुस्तक संस्कृति बढ़ रही है। इस अवसर पर श्री जावड़ेकर ने दिव्यांग लोगों के लिए ब्रेल लिपि में किताबों का एक कैटलॉग और कलेंडर भी जारी किया व शारजाह के मुख्य अतिथि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लिखी गई पुस्तक एग्जाम वॉरियर भी भेंट की। पुस्तक मेले में जाने वाले पुस्तक प्रेमियों की सुविधा के लिए दिल्ली ही नहीं, एनसीआर के शहरों नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में पड़ने वाले मेट्रो स्टेशनों सहित 50 स्टेशनों पर भी यह टिकट उपलब्ध हैं। इसके साथ ही युवाओं को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया और आईआईटी मेट्रो स्टेशन पर भी टिकट उपलब्ध हैं। इस अवसर पर श्री जावड़ेकर छात्रों व वरिष्ठ नागरिकों का प्रवेश निशुल्क है तो वहीं सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बड़ों के लिए 20 रुपए का टिकट और नाबालिग के लिए 10 रुपए का टिकट रुपए का टिकट लगेगा।


 


मेले में 20 से अधिक देश भाग ले रहे हैं और मेले की थीम दिव्यांगजनों की पठन आवश्यकताएं है। मेले में 600 से अधिक प्रकाशकों के 1350 स्टाल लगे हैं। नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस मेले की थीम ‘रीडर्स विद स्पेशल' रखी गई है। जो खास तौर पर बच्चों पर केन्द्रित है। मेले में ब्रेल एवं आडियों पुस्तकें भी उपलब्ध होगी। इस अवसर पर “वी केयर' सोच के अधीन अंतरराष्ट्रीय विकलांगता फिल्म दिवस मौके भारत, कैनेडा, अमरीका, दक्षिण अफरीका, मिश्र, घाना हांगकांग सहित 27 देशां से लगभग 45 फिल्में पेश की जाएंगी।


 


लेखकों से मुलाकात के कार्यक्रमों का किया जा रहा आयोजन


विश्व पुस्तक मेले में सभी ज्ञान, विज्ञान, धर्म सभी प्रकार के साहित्य व पुस्तकों का खजाना दिखाई दे रहा है। विश्व प्रसिद्ध लेखकों के लेखन के अलावा धार्मिक ग्रंथ, प्रबंधन गुरुओं की कई पुस्तकों के साथ साथ बच्चों के लिए मनोरंजन की किताबें यहां आकर्षित कर रही हैं। रोजाना नई किताबों का लोकार्पण और परिचर्चा, लेखकों से मुलाकात के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बुक स्टाल का उद्घाटन करते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव स. मनजिन्दर सिंह सिरसा ने कहा कि इस मेले में सिख धर्म, इतिहास एवं साहित्य को उत्साहित करने के लिए अवसर मिलेंगे एवं उनका अनुवाद संसार की अन्य भाषाओं जैसे फ्रेंच , जर्मनी, इटालियन आदि में करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस मेले में दिल्ली कमेटी द्वारा प्रसिद्ध धार्मिक पुस्तकों पर विशेष छूट भी दी जा रही है।


 


सिरसा जी शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा लगाई गई स्टाल पर हुई अरदास में भी शामिल हुए। पंजाबी विश्वविद्यालय के अलावा अन्य पंजाबी पुस्तक प्रकाशनों ने भी स्टालें लगाई हैं। पुस्तक मेले के प्रथम दिन एपीएन पब्लिकेशंस द्वारा एनबीटी के व उमा डायरीला की पुस्तक संपादक लालित्य ललित द्वारा लिखित पाण्डेय जी और दिल्लगी'' व उमा झुनझुनवाला की पुस्तक ‘‘एक औरत की डायरी से'' का लोकार्पण किया गया। प्रसिद्ध साहित्यकार ममता कालिया ने एक औरत की डायरी से पुस्तक के बारे में अपनी राय दी कि प्रसिद्ध रंगकर्मी उमा झुनझुनवाला ने डायरी के पृष्ठ एक औरत की डायरी से पुस्तक में नए अंदाज में समेटे हैं। यह महज एक औरत की नहीं एक बुद्धिजीवी की डायरी है जिसमें कभी बचपन तो कभी यौवन दस्तक देता है। एक दिनांक में उमा बताती हैं कि वे सब दौड़ रहे थे, भाग कोई नहीं रह था क्योंकि भागना पलायन है। पुस्तक आकर्षक और पठनीय है। प्रकाशक निर्भय कुमार ने कहा कि इस वर्ष हम रोज अलग-अलग साहित्यकारों की पुस्तकों का लोकार्पण करेंगे और ये पुस्तकें बच्चों, युवाओं, वृद्ध एवं दिव्यागों के लिए होंगी।


 


50 नई पुस्तकों का एक साथ लोकपर्ण 


साहित्य अकादेमी द्वारा नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2019 में आज एक साथ 50 नई पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। प्रख्यात लेखक एवं केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा के उपाध्यक्ष कमल किशोर गोयनका द्वारा साहित्य अकादेमी के हाल सं. 8-11 स्टॉल नं. 89-93 पर लोकार्पण के बाद कहा कि पुस्तकें साहित्य संसार का गौरव बढ़ाती हैं। वे न केवल अपने विषयों की विविधता में उत्कृष्ट होती हैं बल्कि बेहद सस्ती भी होती हैं। साहित्य अकादेमी के सचिव के.श्रीनिवासराव ने कार्यक्रम के प्रारंभ में गोयनका का स्वागत पुस्तके भेंट करके किया। आगे उन्होंने कहा कि साहित्य अकादेमी की पुस्तक प्रकाशन नीति 24 भारतीय भाषाओं के साहित्य को अनुवाद के जरिए एक-दूसरे तक पहुंचाना है। और इसके लिए वह पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है। आज आयोजित 'नारी चेतना कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात लेखिका मृदुला गर्ग ने की और इसमें जे. भाग्यलक्ष्मी ने अपनी कविताएं, तरन्नुम रियाज ने उर्दू कहानी तथा सुकृता पॉल कुमार ने अंग्रेजी कविताएं प्रस्तुत की।


 


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