100 करोड़ दें या जेल जाएं फॉक्सवैगन के निदेशक 

171 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की सिफारिश


दिल्लीवालों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने पर एनजीटी द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने फॉक्सवैगन पर 171.34 करोड़ जुर्माना लगाने की सिफारिश की हैसमिति ने रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2016 में फॉक्सवैगन के डीजल वाहनों ने दिल्ली में लगभग 48.678 टन एनओएक्स का उत्सर्जन किया। दिल्ली को जैसे महानगरों को पैमाना मानते हुए मूल्य के हिसाब से यह नुकसान करीब 171.34 करोड़ का है।



नई दिल्ली प्रमुख संवाददाता, राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुरुवार को फॉक्सवैगन को कड़ी फटकार लगाई। अधिकरण ने कहा कि अगर उसके आदेश के मुताबिक कंपनी ने 24 घंटे के अंदर यानी शुक्रवार तक 100 करोड़ रुपये जमा नहीं कराए तो उसके निदेशकों को जेल भेज दिया जाएगा। फॉक्सवैगन जर्मनी की ऑटो क्षेत्र की प्रमुख कंपनी है। कंपनी पर डीजल वाहनों में उत्सर्जन परीक्षण के लिए चीट डिवाइस यानी धोखाधड़ी करने वाला बर्फीली हवा से राहत थप्पड़ मारने उपकरण लगाने का आरोप है। इस मदद से वाहन उत्सर्जन परीक्षण में पास हो जाता है, लेकिन वास्तव में वह तय मानकों से अधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) उत्सर्जित करता है। एनजीटी ने पिछले साल 16 नवंबर को कहा था कि कंपनी के डीजल कारों में चीट डिवाइस का इस्तेमाल करने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचा।


 


इसलिए कंपनी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) में 100 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराए, लेकिन कंपनी ने तय समय पर रुपये जमा नहीं कराए। इसके बाद एनजीटी ने अपने आदेश की अवहेलना करने के लिए फॉक्सवैगन को फटकारा। एनजीटी ने कहा कि कंपनी 24 घंटे के भीतर 100 करोड़ की धनराशि जमा कराए। अगर शुक्रवार तक राशि जमा नहीं कराई गई तो कंपनी के निदेशकों को जेल भेजा जाएगा। एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी सेएक हलफनामा देने के लिए कहा कि वह शुक्रवार शाम 5 बजे तक धनराशि जमा कराएगी।


 


कंपनी रकम जमा कराएगी। भारत में फॉक्सवैगन समूह के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में उसकी सभी कारें उत्सर्जन मानकों को पूरा करती हैं। एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। हालांकि, समूह आदेश का पालन करते हुए यह राशि जमा कराएगा 


 


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