10% आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को मिलेगा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का बड़ा फैसला


 


नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार ने सवर्णो को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आर्थिक आधार पर दिया जाएगा।आरक्षण का फायदा उन लोगों को मिलने की संभावना है। जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपए से कम है और जिनके पास पांच एकड़ तक जमीन है। यह 10% आरक्षण मौजूदा 49.5% कोटे के अलावा होगा। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा, जो मंगलवार को पेश किया जा सकता है।


 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार


 


केंद्र के द्वारा दिया गया आरक्षण -


अनुसूचित जाति 15%


अनुसूचित जनजाति 7.5%


अन्य पिछड़ा वर्ग 27%


कुल आरक्षण 49.5 %


बाकी 50.5% आरक्षण जनरल कैटेगरी के लिए रखा गया, जो कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए भी खुला है। अब सवर्णो को भी 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।


 


एससी ने कहा था, 50% से अधिक नहीं होना चाहिए आरक्षण


सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ किया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग या इनके अलावा किसी भी अन्य विशेष श्रेणी में दिए जाने वाले आरक्षण का कुल आंकड़ा 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। हालांकि, जुलाई 2010 के अपने फसल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ठोस वजह होने पर राज्य सरकार इसे बढ़ासकती है। मौजूदा समय में तमिलनाडु में 69% (50% ओबीसी और 18% एसटी) आरक्षण है। 


 


प्रस्ताव के मुताबिक, आरक्षण के लिए शर्ते


जिस परिवार की सालाना आमदनी 8 लाख रुपए से कम है।


जिनके पास पांच एकड़ से कम खेती योग्य जमीन है।


जिनके पास 1 हजार वर्ग फीट से छोटा घर है।


जिनके पास शहरी क्षेत्रों के अधिसूचित नगरीय निकायों में 100 गज से छोटा आवासीय प्लॉट हो।


या गैर-अधिसूचित नगरीय निकायों में 200 गज से छोटा आवासीय प्लॉट हो।


 


आरक्षण से जुड़े कुछ अहम बातें


15(4) और 16(4) के तहत यदि साबित हो जाता है कि किसी समाज या वर्ग का शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी सेवाओं में उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है तो आरक्षण दिया जा सकता है। 1930 में एचवी स्टोर कमेटी ने पिछडे जातियों को 'दलित वर्ग', 'आदिवासी और पर्वतीय जनजाति' और 'अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में बांटा था।


 


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