दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश देते हुए कहा, ‘नोटिस जारी किया जाए, निर्देश दिया जाता है कि विशेष न्यायाधीश सुनवाई की अगली तारीख तक एलएनजेपी की ओर से दी गई मेडिकल रिपोर्ट का संज्ञान न लें।’ मामले पर अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू पेश हुए थे।
‘एलएनजेपी के डॉक्टरों को प्रभावित कर सकते हैं जैन’
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने इस बात पर जोर दिया कि इसकी पूरी आशंका है कि जैन एलएनजेपी के डॉक्टरों को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह स्वास्थ्य मंत्री थे। राजू ने कहा कि निचली अदालत की ओर से चिकित्सकीय आधार पर जैन को रिहा करने की याचिका पर सुनवाई करने से पहले उनके स्वास्थ्य का स्वतंत्र परीक्षण करवाना जरूरी है।
ईडी ने याचिका में एम्स, RML या सफदरजंग अस्पाताल में भर्ती का किया था अनुरोध
ईडी ने इससे पहले याचिका में अनुरोध किया था कि जैन को एलएनजेपी से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल या सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया जाए। इसके साथ ही एजेंसी ने कहा है कि जैन के स्वास्थ्य की स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए, क्योंकि गिरफ्तारी से पहले वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे।
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता को धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत 30 मई को गिरफ्तार किया गया था और पुलिस हिरासत के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इससे पहले ईडी ने जैन के परिवार और उनकी कंपनियों के 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी।